
काश मैं अनाथ होता
November 20, 2024
अर्चना कोहली 'अर्चि' / April 01, 2025
हक
"भाभी, आपने तो आते ही घर पर हक जमाना शुरू कर दिया।" रश्मि ने क्रोध से नमिता से कहा।
"मैं कुछ समझी नहीं।" नमिता ने पूछा।
"इसमें समझने वाली क्या बात है! किससे पूछकर आपने यह बदलाव किया है।"
"यह तुम अपनी भाभी से कैसे बात कर रही हो। यह नमिता का ससुराल है। घर को अपनी मर्ज़ी से सजाने का उसका हक है जो हमने उसे दिया है।" उमादेवी ने बहू नमिता की ओर प्यार से देखते हुए कहा।
यह सुन जहाँ नमिता की आँखें खुशी से झलक उठी, वहीं रश्मि लज्जित थी।
अर्चना कोहली 'अर्चि' (नोएडा)
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