अनमोल उपहार
May 17, 2024
अर्चना कोहली 'अर्चि' / November 20, 2024
काश मैं अनाथ होता
"ये रोज़- रोज़ की चिकचिक से मैं परेशान हो गई हूँ। तुम्हारे साथ रहना बहुत ही मुश्किल हो गया हैं। काश तुमसे मिली ही नहीं होती। पता नहीं तुम्हें पहचानने में कैसे भूल हो गई।" अनिता ने रवि से कहा।
"भूल तो मुझसे हो गई जो तुमको समझ नहीं सका। "
"तो ठीक है। कल ही कोर्ट जाकर अर्जी दे देते हैं। मैं भी थक चुकी हूँ, तुम्हें झेलते-झेलते।"
यह देख बारह वर्षीय विभोर चीखते हुए बोल पड़ा, बस कीजिए। मैं भी थक चुका हूँ, आपके लड़ाई-झगड़ों से। अब मैंने भी एक निर्णय लिया है।"
"कैसा निर्णय?" रवि और अनिता ने हैरानी से कहा।
"मुझे आपमें से किसी के साथ नहीं रहना। इससे अच्छा तो मैं अनाथ ही पैदा होता।" सुबकते हुए विभोर ने कहा।
"यह तुम क्या कह रहे हो?"अनिता ने कहा।
"आप दोनों के कारण कितने सालों से चैन की नींद नहीं सो पाया। क्या कोई ऐसा दिन आपको याद है, जब आपने लड़ाई न की हो।"
विभोर की बातों ने रवि और अनिता को अपना निर्णय बदलने पर मजबूर कर दिया। साथ ही दोनों ने विभोर से वादा किया कि आगे से वे कभी भी नहीं लड़ेंगे।
अर्चना कोहली अर्चि (नोएडा)
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