हमारी संस्कृति
October 28, 2023
अर्चना कोहली 'अर्चि' / September 19, 2021
भारत देश की आन और बान हिंदी है
देश के सुंदर आनन की प्यारी बिंदी है।
प्रतीक है यह एकता और अखंडता की
करना न कोई भी इसकी चिंदी-चिंदी।।
राजभाषा हिंदी देश का अभिमान है
आर्यावर्त की बनी इसी से पहचान है।
किया अंगीकृत हर विदेशी भाषा को
सतत प्रयासों से बनी है हमारी जान।।
हिंदी की जननी है देववाणी संस्कृत
धीरे-धीरे न्यारी हिंदी हुई पल्लवित।
विदेशी जमीं में भी फहराया परचम
विभिन्न भाषा-बोलियों से है अलंकृत।
आदि काल से आधुनिक काल तक
भारतेंदु युग से शुक्लोत्तर युग तक।
समृद्ध और उन्नत परंपरा है हिंदी की
जड़ें फैली हैं इसी की चहुँदिश तक।।
आज प्रिय हिंदी की हालत है बदहाल
अंग्रेजी ने झुका दिया है उसका भाल।
गांधी जी चाहते थे बनाना राष्ट्रभाषा
हो गया है हिंदी का अब बुरा हाल।।
खो रहे सम्मान को फिर से लाना है
सिसकियों को खुशी में बदलना है।
सीमित नहीं रहे यह एक दिन तक
ऐसा प्रयास मिलकर हमें करना है।।
We'd love to hear from you! Send us a message using the form below.
Sector-31 Noida,
Noida, U.P.(201301), India
contact@archanakohli.com
archanakohli67@gmail.com