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एक और कृष्ण

अर्चना कोहली 'अर्चि' / June 18, 2024

"मैं न कहती थी, आपका दोस्त कृष्ण आपको निराश नहीं करेगा। आखिर उसकी मदद से ही बेटे का आपरेशन सफल रहा। अभी-अभी डॉक्टर साहब कहकर गए हैं।" नीला ने रजत के अस्पताल में प्रवेश करते ही भरे कंठ से कहा।

"क्या बात कर रही हो नीला। मैं तो कृष्ण को सोनू के बारे में बता ही नहीं सका।" रजत ने हैरानी से कहा।

"तुम नहीं बताओगे तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा।" पीछे से आवाज़ गूँजी।

"अरे कृष्ण तुम यहाँ।"  रजत ने हैरानी से पूछा।

"इतनी बड़ी बात हो गई और मुझे बताया भी नहीं। पैसे ने क्या हमें इतना पराया कर दिया। याद है, कैसे कॉलेज में छिपकर  मेरा खाना खा जाते थे। वो तो मुझे मणि से पता चला। क्या सोमेश से मेरा कोई रिश्ता नहीं।"

"मेरे सोनू को जीवन-दान देकर तुमने तो मुझे हमेशा के लिए ऋणी बना दिया। इस कलयुग में भी कृष्ण ने सुदामा से दोस्ती निभा मिसाल कायम की है, कहकर  रजत कृष्ण के गले लगकर रो पड़ा।

उधर नीला की आँखों में द्वापर के कृष्ण की छवि आकार ले रही थी।

अर्चना कोहली 'अर्चि'

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