बेटी मुझ पर बोझ नहीं
November 18, 2022
अर्चना कोहली 'अर्चि' / April 16, 2024
प्रतिकार
"बहू। राजेश को जेल भिजवाकर तुमने अच्छा नहीं किया। मामला घर में भी सुलझाया जा सकता था।" शांति देवी ने अपनी बहू आकांक्षा से आक्रोश से कहा।
"तो क्या करती माँजी। मौन रहकर अन्याय सहती रहती। कितनी बार आपसे कहा, पर आपने हर बार यही कहा कि यह तुम पति-पत्नी का आपसी मामला है। उसमें मुझे मत घसीटो।"
"तो क्या गलत कहा बहू। पति-पत्नी में छोटी- मोटी बातें तो चलती ही रहती हैं।"
"तो छोटी-मोटी बातों में शरीर पर लाल-नीले निशान कैसे उभर आते हैं। अब मैं चुप रहकर कुछ नहीं सहूँगी। चुप रहकर सब कुछ सहना शोषण को बढ़ावा देना है। फिर मैं नहीं चाहती कि मेरी बेटी दुर्बल बने। मुझे उसकी ताकत बनना है, ताकि वह हर अन्याय का प्रतिकार शेरनी की तरह करे।" कह आकांक्षा कमरे की ओर चल दी।
उधर यह सुन शांति देवी का चेहरा स्याह पड़ चुका था।
अर्चना कोहली 'अर्चि'
नोएडा (उत्तर प्रदेश)
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