बेटी मुझ पर बोझ नहीं
November 18, 2022
अर्चना कोहली 'अर्चि' / July 14, 2021
शांता ने अपने बेटे सुशील की शादी बहुत धूमधाम से की। शादी के बाद मुंहदिखाई की रस्म में समस्त पड़ोसियों को आमंत्रित किया गया।
शांता, तेरी बहू तो चांद का टुकड़ा है। ऐसा लगता है, हाथ लगाते ही मैली हो जाएगी। मुंहदिखाई पर शांता की प्रिय सखी अनु ने चुटकी लेते हुए कहा।
अनु। बिलकुल सही कहा तुमने। और देखो तो इसके नैन-नक्श भी कितने सुंदर हैं, एक और पड़ोसन ने भी शांता की बहू शिवांगी को निहारते हुए कहा।
आखिर बहू किसकी है? शांता ने गर्व से भरकर कहा।
वो सब तो ठीक है पर वह अपने साथ लाई क्या-क्या है? राजन की मां कनिका ने पूछा।
कनिका एक तेजतर्रार महिला थी। उसकी कम ही लोगों से बनती थी।
मेरी बहू वह दौलत लाई है, जिसके सामने कुबेर का ख़ज़ाना भी कम है।
ऐसा भी क्या है, शांता!
राजन की अम्मा, मेरी बहू संस्कारों की वह अनमोल दौलत लाई है, जिसके सामने कोई भी दौलत मायने नहीं रखती।
बिलकुल सही कहा आपने। सभी ने शांता की हां में हां मिलाई। बहू का मुखमंडल भी सास की यह बात सुनकर खुशी से दमक उठा।
We'd love to hear from you! Send us a message using the form below.
Sector-31 Noida,
Noida, U.P.(201301), India
contact@archanakohli.com
archanakohli67@gmail.com