बेटी मुझ पर बोझ नहीं
November 18, 2022
अर्चना कोहली 'अर्चि' / August 19, 2022
अर्चना कोहली ‘अर्चि’
तीन फेरे हो चुके थे, अचानक दूल्हे के पिता की गरजती आवाज़ आई, “जब तक दूल्हे को व्यापार शुरू करने के लिए दो लाख रुपए नहीं दिए जाएँगें, तब तक फेरे नहीं होंगे”।
“समधी जी उसका इंतजाम नहीं हो सका। कुछ दिन की मोहलत दे दीजिए”, संध्या के पिता गिड़गिड़ाते हुए बोले।
“इसके बारे में तो पहले ही तय हो चुका था। जब तक दो लाख नहीं दिए जायेंगे, तब तक विदाई नहीं होगी”। वर के चाचा भी मूंछों पर ताव देते हुए बोले।
यह सुनकर संध्या ने होनेवाले वर की और देखा तो वह निर्विकार बैठा था। यह देख संध्या गुस्से से फेरों से उठ खड़ी हुई और बगावत करते हुए बोली, “आप अपने बेटे की बोली कहीं और जाकर लगाइए। मुझे यह शादी मंजूर नहीं।
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