Poems


Poems

बचपन के पल

अर्चना कोहली 'अर्चि' / March 29, 2021

काश! बचपन के वे पल पुनः लौट आएँ

वापस वे अब कभी भी न जाने पाएँ।

मित्रों संग मस्ती से सर्वत्र घूमना-फिरना

बाग में तितलियों संग दौड़ लगाना।।

बहन-भाइयों संग लड़ना-झगड़ना  

मैया को लुक छिपकर खूब सताना।

नानी से कहानी सुनने को मनुहार करना

सब कुछ आज फिर से मुझे याद आए।।

ठिठुरती सरदी में अंगीठी पर हाथ तापना

ट्रांजिस्टर पर कान लगाकर कमेंट्री सुनना।

बचपन की क्या-क्या बातें हम याद करें

पुरानी-सुनहरी यादें हम कैसे भुला दें।।

तरह तरह की शरारतों से सबको सताएँ

डाँट से बचने हेतु माँ के पल्लू में छिप जाएँ।

बरखा में उछल उछल कर खूब नाचें

पानी में कागज़ की नाव हम खूब तैराएँ।।

रसोई में मिल-जुलकर खाना खाना

इकट्ठे बैठकर हँसी-ठिठोली करना ।

रेडियो पर हवामहल, विविध भारती सुनना

प्यारा वह बचपन जाने कहां चला गया।।

Related Post

Reply to Archana

Contact

We'd love to hear from you! Send us a message using the form below.

Address

Sector-31 Noida,
Noida, U.P.(201301), India

Email Us

contact@archanakohli.com

archanakohli67@gmail.com