Poems


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गणपति वंदना

अर्चना कोहली 'अर्चि' / September 4, 2022

अर्चना कोहली अर्चि

 

गौरीनंदन गणनायक

प्रथम नमन तुम्हें विनायक।

राह में खड़ी याचक बन

करें कृपा विघ्नविनाशक।।

हे शुभंकर, हे गजानन

आप ही हैं सिद्धिविनायक।

कर दें काज सुफल सारे

करबद्ध नमन गणनायक।।

सतत चलती रहे लेखनी

डालें सुमुख दृष्टि अपनी।

विद्वत्सभा में मान मिले

विनती बस मेरी इतनी।।

अष्टसिद्धि के आप दाता

सुख-यश के आप प्रदाता।

हे देव विवेक-बुद्धि के

कर दें कल्याण विधाता।।

गजकर्ण भी आपका नाम

सबसे पहले करें प्रणाम।

अंतस में भरा है विकार

दुख मेरे करें सब तमाम।।

अद्भुत शक्तियों का भंडार

अर्चन करूँ बारंबार।

मन हो जाए मेरा निर्मल

ऐसा दे दें मुझे उपहार।।।

विद्या के आप आगार

मुझे भी दें विद्या-हार।

एकदंत से लिखा था ग्रंथ

करें सब सपने  साकार।।

सारा जग तुममें  समाया

निराली आपकी माया।

हैं धैर्य-क्षमा की मूरत

सब कुछ आपसे तो पाया।।

चित्र आभार: Istock से

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