Poems


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देश के अमर वीर

अर्चना कोहली 'अर्चि' / July 3, 2022

देशानुरागी वीरों ने तन-मन-धन किया अर्पित

स्वाभिमान रक्षा हेतु सभी कुछ किया समर्पित।

रक्त-सिंचित इस वसु ने दिया हमें अमिट संदेश

सत्य-अहिंसा की भावना से समाहित हैं प्रदेश।।

तिरंगे में समाहित हरेक रंग ही हमें कुछ कहता

त्याग-विश्वास-एकता की धार-सी बहाता रहता।

वीरों के समवेत प्रयासों से ही स्वतंत्रता मिली

उन्हीं से ही ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिली।।

क्रांति की तीक्ष्ण-ज्वाला उन्होंने की प्रज्वलित

भीषण यातनाओं से भी कभी न हुए व्यथित।

स्वातंत्र्य के हवन-कुंड मे होम हुए अनंत वीर

अंत समय में भी व्यग्र हो बहे न उनके नीर।।

लंबे समय तक गुलामी-बेड़ी में जकड़ा देश

स्वाभिमान का किसी में बचा नहीं था लेश।

तब क्रांतिवीरों ने एक ज्वाला-सी जलाई थी

देश के प्रति कर्तव्य-बोध की लहर छाई थी।।

इंकलाब जिंदाबाद के नारे से गूँजा देश था

केसरिया रंग से सुसज्जित उनका वेश था।

रण-क्षेत्र को  बना लिया उन्होंने आशियाना

स्वाधीनता को पाने का मन में उन्होंने ठाना।।

सुख-समृद्धि के लोभ से विहीन अंतर्मन था

स्वाधीनता पाने को उत्साहित जन-जन था।

माँ से भी बढ़कर मातृभूमि को उन्होंने माना

देश की आज़ादी को स्व प्रथम कर्तव्य जाना।।

अमर वीरों की कुरबानी से ही आज़ादी मिली

आज़ादी-तरंग से सबके दिल की कली खिली

राष्ट्रीय समर स्मारक अमर शहीदों को अर्पित

कुरबानी से जिनकी मातृभूमि हुई है सुरक्षित।।

अमर वीरों का संदेश स्वर्णाक्षरों में अंकित

किसी भी कीमत पर करना न अब तिरोहित।

लंबे समय तक गुलामी-गरल को किया सहन

किसी भी कीमत पर अब न करेंगें स्व दहन।।

अर्चना कोहली ‘अर्चि’

चित्र आभार: unplash

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