Poems


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विश्राम

अर्चना कोहली 'अर्चि' / June 8, 2022

नवीन ऊर्जा के लिए हमें चाहिए विश्राम

दिनभर के काम के बाद होता है विराम।

जीवन जीने के लिए आवश्यक है कर्म

थक जाता तन-मन भी करने से श्रम।

जीवन बिन विश्राम के होता अस्तव्यस्त

स्फूर्ति के अभाव से व्यक्ति होता सुस्त।

ऊर्जा-ह्रास से निज बल क्षीण होने लगता

स्वास्थ्य पर उसका असर दिखने लगता।

जिंदगी की भागदौड़ में थक है तन-मन

अपने लिए भी चाहिए क्षण-भर सुकून।

जैसे सुंदर सवेरा आता है रात के बाद

वैसे ही आराम चाहिए कठिन श्रम बाद।

अर्चना कोहली ‘अर्चि’

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