हमारी संस्कृति
October 28, 2023
अर्चना कोहली 'अर्चि' / April 4, 2022
तृतीय नवरात्रे में
सिंह पर सवार होकर
आई चंद्रघंटा माता
मूर्ति हैं सौम्यता की
घंटे के आकार का है
अर्द्धचंद्र माथे पर
तभी प्रसिद्ध हुईं वे
चंद्रघंटा नाम से
दिव्य अद्भुत तेज से
शोभित मुखमंडल
आरोग्य प्रदायिनी है
प्यारी-सी चंद्रघंटा
विभिन्न अस्त्रों से हैं
सुसज्जित चंद्रघंटा
मुक्ति दिलाई माता ने
आसुरी शक्तियों से
आराधना से माता की
विनष्ट होता अहम
सौभाग्य-शांति-वैभव
का बने अधिकारी
सुनहरे वर्ण वाली
आदिशक्ति को प्रिय है
दुग्ध से बने मिष्ठान
अर्पित करें हम
विधिविधान पूजा से
मन में साहस भरे
कृपा से माता की मिले
ऐश्वर्य-सुख अपार
कृपा से चंद्रघंटा की
खुले सफलता द्वार
शांति-कल्याण प्रदाता
पूर्ण करती आस
चित्र:आभार गूगल
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