Poems


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आयुर्वेद

अर्चना कोहली 'अर्चि' / June 23, 2021

प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद है

विज्ञान-कला-दर्शन का अद्भुत मेल इसमें है।

ऋग्वेद-अथर्ववेद में इसका राज  छिपा है

इसके नाम में ही लंबी आयु का मूलमंत्र  है।

महर्षि चरक को आयुर्वेद-प्रणेता माना है

चरक संहिता से इसकी महत्ता को जाना है।

सुश्रुत-धन्वंतरी च्यवन आदि भी थे महान

आयुर्वेद से मानव जाति की बचाते जान ।

पृथ्वी-जल-वायु-अग्नि-आकाश पंच तत्व हैं

इनके असंतुलन से ही तो व्याधियां होती हैं।

वात-पित्त-कफ असंतुलन से ही विकार होते

संतुलन से ही हम सब निरोगी काया पाते।

हेतु-लिंग और औषध आयुर्वेद के त्रिस्कंध हैं

इनके बिना उपचार-निदान दुष्कर होते हैं।

प्राकृतिक तरीके से इसमें उपचार किया जाता

पेड़-पौधों से जड़ी-बूटियों का खजाना मिलता।

सात्विक भोजन पर आयुर्वेद ने  जोर दिया

जीवन-शैली बदलने का मूलमंत्र भी पाया।

गरम पानी पीने के फायदे भी तो बतलाए

रसोई में भरे भंडार भी इससे जान पाए।

इस महामारी में सभी ने महत्ता  को जान लिया।

तभी तो घर-घर ने आयुष-काढ़े  का सेवन किया।

देश विदेश सर्वत्र ही इसका परचम लहरा रहा

इस दौर में भी यह निज प्रकाश फैला रहा।

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